Dark Web: 81.5 करोड़ भारतीयों का पर्सनल डेटा कैसे पहुंचा डार्क वेब पर? जानें क्या है पूरा मामला

संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित एक साइबर सिक्योरिटी फर्म रिसिक्योरिटी (Resecurity) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लगभग 81.5 करोड़ भारतीयों का पर्सनल डेटा डार्क वेब (Dark web) पर लीक हो गया है.    

रिपोर्ट में कहा गया है कि हैकरों ने 81.5 करोड़ भारतीय यूजर्स के डेटा का एक ऐड डार्क वेब पर पोस्ट किया है. जिसमें भारतीयों के नाम, डेट ऑफ बर्थ, फोन नंबर, आधार नंबर सहित कई प्रकार के पर्सनल डेटा शामिल है. चलिये जानते है क्या है पूरा मामला.      

रिसिक्योरिटी ने दी है जानकारी:

रिसिक्योरिटी ने अपनी जाँच में पाया कि हैकर इन डेटा को 80,000 डॉलर में बेचने को तैयार था. इस खबर ने सबको चौंका दिया है. यदि यह खबर सही है तो भारत सरकार सहित अन्य भारतीय नागरिकों के लिए यह एक चिंता का विषय है. 

कैसे हुआ डेटा लीक:

रिपोर्ट की मानें तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस डेटा लीक की जाँच में लग गयी है. हालांकि या डेटा लीक कैसे हुआ और इसके पीछे कौन लोग है, इसके बारें में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. लेकिन रिपोर्ट में यह आशंका जताई गयी है कि ये डेटा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) डेटाबेस से हैक किये गए है.      

डेटा के कीमत 80,000 डॉलर रखी गयी:

10 सितंबर को हैकर pwn0001 ने डार्क वेब वेबसाइट ब्रीच फ़ोरम पर एक पोस्ट किया जिसमें कहा गया कि वे 80,000 डॉलर में “भारतीय नागरिक आधार और पासपोर्ट डेटाबेस” बेच रहे थे. जिनमें इसके अलावा फोन नंबर, पता, नाम, माता-पिता के नाम आदि शामिल है.  

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मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, pwn0001 ने कोई डेटाबेस हैक नहीं किया उसने पिछले साल इसे $50,000 में खरीदा था. इसमें यह भी कहा गया है कि जिससे यह डेटा ख़रीदा गया था वह फर्म अब बंद ही चुकी है.

एक लाख से अधिक फाइल:

साइबर सिक्योरिटी फर्म रिसिक्योरिटी ने पाया कि इस डेटा लीक में 1 लाख फाइल्स मौजूद है. जिसमें भारतीय यूजर्स के डेटा है. साथ ही इन डेटा डिटेल्स को वेरिफाई करने के लिए सरकारी पोर्टल का भी उपयोग किया गया है. रिपोर्ट की मानें तो इसके लिए ICMR को अलर्ट भी किया गया था.      

सरकार ने मामले पर क्या कहा:

अभी तक इस पूरे मामले में सरकार ने कुछ नहीं कहा है साथ ही किसी भी डेटा उल्लंघन की पुष्टि या खंडन भी नहीं किया गया है. इस डेटा लीक रिपोर्ट को सबसे पहले रिसिक्योरिटी द्वारा पोस्ट किया गया था. रिसिक्योरिटी ने यह भी दावा किया कि नागरिकों के वैध आधार कार्ड और आईडी की पहचान की गयी है.       

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Source: tiengtrunghaato.edu.vn

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