भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन सभी में 7000 से अधिक शहर बसे हुए हैं, जिनका अपना संबंधित इतिहास, संस्कृति, अनूठी परंपराएं और मान्यताएं हैं। भारत को करीब से जानने के लिए हर साल बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी यहां आते हैं और अपने साथ यहां की यादों को समेट कर ले जाते हैं।
भारत के इन अलग-अलग शहरों के अपने किस्से और कहानियां हैं। साथ ही इन शहरों को स्थानीय उत्पादों की वजह से भी वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने में मदद मिली है। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत का कौन-सा शहर सीमेंट का शहर भी कहा जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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शहरों को दिया जाता है उपनाम
भारत में शहरों को उनकी विशेषताओं की वजह से उपनाम दिया जाता है, जिससे शहर देश दुनिया में अपनी-अपनी पहचान स्थापित करते हैं। कुछ शहरों को स्थानीय उत्पादों की वजह से विशेष पहचान मिलती है, जिस वजह से उन्हें उत्पादों के नाम से जाना जाता है।
इस वजह से देशी-विदेशी सैलानी शहरों की तरफ आकर्षित होते हैं और शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं। यही वजह है कि शहरों को उनके मूल नाम के अलावा उपनाम से भी जाना जाता है।
किस शहर को कहा जाता है सीमेंट का शहर
भारत में अलग-अलग शहरों को अलग पहचान मिली हुई है। हालांकि, अब सवाल यह है कि आखिर किस शहर को सीमेंट का शहर कहा जाता है, तो आपको बता दें कि मध्य प्रदेश राज्य के सतना शहर को अनौपचारिक रूप से सीमेंट के शहर(Cement City of India) के रूप में भी जाना जाता है। अपनी इस पहचान की वजह से यह शहर देश के अलग-अलग राज्यों में मशहूर है।
क्यों कहा जाता है सीमेंट का शहर
अब सवाल यह है कि आखिर मध्य प्रदेश के सतना शहर को ही सीमेंट का शहर क्यों कहा जाता है। दरअसल, सतना जिला प्रमुख रूप से चूने के लिए जाना जाता है और इस वजह से यहां पर सीमेंट का अधिक उत्पादन होता है।
इस जिले में प्रमुख रूप से 10 बड़ी सीमेंट की फैक्ट्रियां हैं, जिससे पूरे भारत का करीब 8 से 9 फीसदी सीमेंट का उत्पादन अकेले इस जिले से ही होता है। सतना में सीमेंट का उत्पादन होने के बाद न सिर्फ इस देश की अन्य हिस्सों में भेजा जाता है, बल्कि विदेशों में भी यही से सीमेंट निर्यात होता है।
मंदिरों के लिए जाना जाता है सतना
मध्य प्रदेश के सतना शहर को विशेष रूप से मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। यहां पहुंचने पर आपको बहुत से प्राचीन मंदिर देखने को मिल जाएंगे, जिनमें मुख्तियारगंज के पास वेंकटेश मंदिर है, जिसका निर्माण 18वीं सदी में हुआ था।
इसके अलावा यहां पर प्रमुख रूप से बिहारी मंदिर भी मशहूर है, जिसका निर्माण 18वीं सदी में किया गया था। यहां पहुंचने पर आपको जैन मंदिर और प्रणामी मंदिर भी देखने को मिल जाएगा। वहीं, यहां 450 साल पुराना सत्यनारायण मंदिर भी लोगों की आस्था का केंद्र है।
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Source: tiengtrunghaato.edu.vn